पूरी दुनिया को हिलाकर रख देने वाला कोरोना वायरस एक बार फिर सतर्कता की जरूरत बता रहा है। देशभर में कोविड संक्रमण के हल्के संकेतों के बीच जैसलमेर में जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। जिले में एक बार फिर आरटी-पीसीआर जांच लैब को फिर से शुरू किया जा रहा है। इस लैब ने कोरोना की पहली और दूसरी लहर में सैकड़ों लोगों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई थी। स्वास्थ्य विभाग की इस सक्रियता को संभावित खतरे के प्रति सतर्कता भरा कदम माना जा रहा है।
लैब को फिर से शुरू किया गया
जैसलमेर एक सीमावर्ती जिला है, जो न केवल देश की रक्षा व्यवस्था के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटकों और प्रवासियों की लगातार आवाजाही के कारण स्वास्थ्य जोखिमों के लिहाज से भी संवेदनशील है। 2020 और 2021 के कोरोना काल में यह जिला राजस्थान के उन इलाकों में शामिल था, जहां संक्रमण का गहरा असर रहा।उस समय जिले में एकमात्र आरटी-पीसीआर लैब स्थापित थी जो गफूर भट्ट अस्पताल परिसर में बनी थी। इस लैब ने हजारों सैंपलों की जांच की थी और समय पर रिपोर्ट देकर संक्रमण को नियंत्रित करने में बड़ी भूमिका निभाई थी। अब जब फिर से संभावित संक्रमण की आहट सुनाई देने लगी है तो चिकित्सा विभाग ने सतर्कता बरतते हुए लैब को फिर से सक्रिय करने की कवायद शुरू कर दी है।
व्यवस्थाएं चौकस रखने के निर्देश
सीएमएचओ डॉ. राजेंद्र पालीवाल ने बताया कि जैसलमेर की कोविड लैब को फिर से शुरू करने की दिशा में चिकित्सा विभाग ने युद्ध स्तर पर सफाई और मरम्मत का काम शुरू कर दिया है। गफूर भट्ट अस्पताल परिसर में स्थित इस लैब की सफाई, मशीनों की जांच, केमिकल की व्यवस्था और तकनीकी स्टाफ की बहाली का काम जारी है। मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. विक्रम सिंह और अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों ने लैब का निरीक्षण किया और आवश्यक संसाधनों की सूची बनाकर राज्य सरकार को भेज दी है। लैब को पूरी तरह क्रियाशील बनाने के लिए अतिरिक्त बजट और स्टाफ की स्वीकृति भी जल्द मिलने की उम्मीद है।
अभी तक कोई कोरोना पॉजिटिव नहीं आया
चिकित्सा विभाग का मानना है कि समय पर रिपोर्ट मिलने और स्थानीय स्तर पर जांच सुविधा उपलब्ध होने से किसी भी आपात स्थिति में त्वरित नियंत्रण संभव हो सकेगा। सीएमएचओ डॉ. पालीवाल ने बताया- जैसलमेर प्रशासन ने सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा है और उन्हें पर्याप्त मात्रा में किट, ऑक्सीजन और दवाइयां उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल जिले में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। हालांकि पिछले दो सप्ताह में सर्दी-खांसी के कुछ संदिग्ध मामले सामने आए हैं, लेकिन उनमें से कोई भी कोरोना पॉजिटिव नहीं निकला है। फिर भी स्वास्थ्य विभाग कोई चूक नहीं करना चाहता है।
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