21वीं सदी में सरकार अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित करती है। साथ ही, विवाह करने वाले जोड़े को प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। लेकिन आज के समाज में प्रेम विवाह और अंतरजातीय विवाह को गलत माना जाता है। इतना ही नहीं, ऐसी शादी के बाद पंचायत में फरमान भी सुनाया जाता है। जिसमें समाज से बहिष्कृत करने जैसे सख्त फैसले सुनाए जाते हैं। ऐसा ही एक मामला राजस्थान के जोधपुर में सामने आया है। जहाँ कानून की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। राजस्थान के जोधपुर के लूणी में एक व्यक्ति को दूसरे समुदाय की महिला से कथित तौर पर शादी करने पर जाति पंचायत के 100 सदस्यों द्वारा बहिष्कृत करने और उस पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का मामला दर्ज किया गया है।
21 लाख रुपये के जुर्माने का भी दबाव
पुलिस ने बताया कि व्यक्ति ने पंचायत सदस्यों पर 21 लाख रुपये का अतिरिक्त जुर्माना जमा करने का दबाव बनाने का भी आरोप लगाया है। दिव्यांग राजाराम पालीवाल (45) ने दावा किया कि उसने अपने परिवार की सहमति से 3 दिसंबर, 2022 को मध्य प्रदेश की अपने ही समुदाय की एक महिला से शादी की थी। पालीवाल ने कहा कि उनकी शादी से समुदाय के लोग नाराज़ हो गए और उन्होंने इस मामले पर चर्चा के लिए 26 जून, 2024 को एक जाति पंचायत बुलाई।
परिवार का बहिष्कार
बैठक में, समुदाय के सदस्यों ने पालीवाल के परिवार का बहिष्कार करने का फैसला किया और आरोप लगाया कि उन्होंने दूसरे समुदाय की लड़की से शादी की है, जबकि बाद में कथित तौर पर सबूत पेश किए कि लड़की उसी समुदाय की थी। पुलिस के अनुसार, जाति पंचायत के सदस्यों ने पालीवाल पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और जब उन्होंने भुगतान करने से इनकार कर दिया, तो उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को एक दिन के लिए बंधक बना लिया गया और पैसे देने के बाद ही रिहा किया गया।
100 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज
पुलिस ने बताया कि ग्रामीणों ने कथित तौर पर पालीवाल के परिवार से बातचीत बंद कर दी और उन पर 21 लाख रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भरने का दबाव भी बनाया। इसके बाद, पीड़ित परिवार ने लूणी थाने में जाति पंचायत के 100 सदस्यों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। जांच अधिकारी गोविंद राम ने बताया कि पालीवाल की शिकायत के आधार पर 100 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा, "हमने समुदाय का बहिष्कार करने, जुर्माना लगाने और धमकी देने के आरोप में 100 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।"
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