Next Story
Newszop

निर्माण से पहले ही खाटूश्यामजी रेल लाइनको लेकर मचा बवाल, भड़के ग्रामीणों ने अश्विनी वैष्णव से की प्रोजेक्ट बंद करने की मांग

Send Push

एक तरफ राज्य और केंद्र सरकार खाटू श्याम जी को विश्व पर्यटन मानचित्र पर लाना चाहती है, जिसके लिए वे लगातार प्रयास कर रही है। इसी के चलते वे रींगस से खाटूश्याम जी तक रेल लाइन बिछाना चाहते है, जिसमें कॉरिडोर रिंग रोड, कथा पंडाल, म्यूजियम, पार्क सहित श्रद्धालुओं को विश्वस्तरीय सुविधाएं देने की सोच रहे है, लेकिन इसके विपरीत यहां रहने वाले ग्रामीण इसका विरोध कर रहे है।

रेल मंत्री से रेल लाइन के प्रस्ताव पर पुनर्विचार की मांग

इस संबंध में रींगस और खाटूश्याम जी के आसपास के ग्रामीण चाहते है कि सरकार रींगस से खाटूश्याम जी रेल लाइन पर पुनर्विचार करे और इस परियोजना को रद्द करे। इस रेल परियोजना के विरोध में आज (शुक्रवार) आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के ग्रामीण और खाटू शहर के कई लोग एकत्रित हुए और बैठक की, जिसमें सर्वसम्मति से प्रस्ताव रखा गया कि सरकार इस रेल परियोजना पर पुनर्विचार करे। इसके लिए सरकार में सीकर जिले के एकमात्र यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के नाम ज्ञापन भी दिया गया। इसके साथ ही रेल मंत्री को पत्र लिखकर इस परियोजना पर पुनर्विचार करने की मांग भी की गई।

बैठक में ये लोग रहे मौजूद

इस बैठक में पूर्व सरपंच प्रतिनिधि पवन पुजारी, भाजपा किसान मोर्चा अध्यक्ष मोहन मावलिया, श्याम सिंह पूनिया, कामरेड भागचंद लामिया, सुरेश हरनाथका, खाटू व्यापार मंडल अध्यक्ष सोनू जोशी, गिरिराज माटोलिया, अशोक शर्मा, मंदिर समिति के पदाधिकारी और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में ग्रामीण जुटे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस परियोजना पर पुनर्विचार नहीं करती है तो बड़ा आंदोलन भी किया जा सकता है।

कहां है दिक्कत

बता दें कि इस प्रस्तावित रेलवे लाइन को लेकर क्षेत्र के ग्रामीण और किसान काफी चिंतित हैं। उनका कहना है कि रेलवे लाइन के कारण उनकी जमीनें अधिग्रहित की जाएंगी, जिससे उनकी खेती प्रभावित होगी। साथ ही किसानों का कहना है कि रेलवे लाइन उनके खेतों से होकर गुजरेगी, जिससे उनकी खेती, सिंचाई के साधन और गांव को जोड़ने वाली सड़कें प्रभावित होंगी।

Loving Newspoint? Download the app now