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कुंभलगढ़ किले में मोहर्रम जुलूस की परमिशन पर विवाद, देखे विडियो

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ऐतिहासिक कुंभलगढ़ किले में 6 जुलाई को प्रस्तावित मोहर्रम जुलूस को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस मुद्दे पर हिंदू संघर्ष समिति ने तीव्र विरोध जताते हुए गुरुवार को राजसमंद बाजार पूरी तरह बंद रखा और प्रदर्शन किया। समिति के कार्यकर्ताओं ने टायर जलाकर विरोध प्रकट किया और प्रशासन से मांग की कि किले परिसर में मोहर्रम जैसे किसी भी आयोजन की अनुमति रद्द की जाए।

विवाद की जड़ में ऐतिहासिक धरोहर और धार्मिक भावनाएं

हिंदू संघर्ष समिति का कहना है कि कुंभलगढ़ किला एक प्राचीन हिंदू ऐतिहासिक धरोहर है और इसे धार्मिक आयोजनों के लिए उपयोग करना अनुचित है। समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि किले में धार्मिक जुलूस की अनुमति देना सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के साथ खिलवाड़ है। उनका दावा है कि इससे सांप्रदायिक तनाव भी उत्पन्न हो सकता है।

समिति ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि मोहर्रम जुलूस की अनुमति को तुरंत निरस्त नहीं किया गया तो वह जिला स्तरीय आंदोलन छेड़ेंगे।

प्रदर्शन के दौरान बाजार बंद और नारेबाजी

गुरुवार को समिति ने राजसमंद शहर के मुख्य बाजारों को बंद करवाया और जगह-जगह टायर जलाकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने "कुंभलगढ़ हमारा गौरव है", "धरोहर में धर्म का दखल नहीं चलेगा", और "सरकार होश में आओ" जैसे नारे लगाए। इस दौरान पुलिस बल तैनात रहा ताकि किसी प्रकार की कानून व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े।

प्रशासन की स्थिति असमंजस में

विवाद के बढ़ते तापमान को देखते हुए प्रशासन की ओर से फिलहाल कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं और विभिन्न पक्षों से बातचीत की कोशिशें जारी हैं। कुंभलगढ़ क्षेत्र को फिलहाल संवेदनशील क्षेत्र घोषित करते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

मुस्लिम समाज की ओर से भी सफाई

मोहर्रम आयोजन समिति की ओर से कहा गया है कि यह जुलूस पिछले कई वर्षों से शांति और सद्भाव के साथ निकलता रहा है और इसका उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है। समिति ने प्रशासन से आग्रह किया है कि वे समाज में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए जिम्मेदारी से निर्णय लें

आगे की राह क्या होगी?

राजसमंद में यह विवाद धीरे-धीरे राजनीतिक और साम्प्रदायिक रंग लेता जा रहा है। प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती यह है कि वह एक ओर धरोहर की गरिमा और कानून व्यवस्था बनाए रखे, वहीं दूसरी ओर सांप्रदायिक सौहार्द को भी कायम रखे। अब सबकी नजर प्रशासन के अगले कदम और मोहर्रम के दिन की स्थिति पर टिकी है।

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