जयपुर। श्रावण माह का चौथा और अंतिम सोमवार इस बार 4 अगस्त को भक्तों के लिए विशेष सौगात लेकर आ रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, ब्रह्म योग और इंद्र योग जैसे पावन संयोग बन रहे हैं। वहीं चंद्रमा अनुराधा और चित्रा नक्षत्र से वृश्चिक राशि पर गोचर करेगा, जो पूजा और व्रत को और अधिक फलदायी बनाएगा।
इस विशेष दिन पर शिवालयों में ‘हर-हर महादेव’ और ‘बम-बम भोले’ के जयघोष से वातावरण गुंजायमान रहेगा। श्रद्धालु भोलेनाथ का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक कर अपनी श्रद्धा अर्पित करेंगे। शिवालयों के सेवादारों ने आयोजन की तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं, जिससे पूरे शहर में धार्मिक वातावरण का संचार होगा। मान्यता है कि श्रावण के अंतिम सोमवार को भगवान शिव की आराधना करने से साधक को मानसिक शांति, मनवांछित फल एवं कर्ज, रोग, तनाव एवं कलह से मुक्ति मिलती है। इस दिन कन्याएं भी विशेष श्रद्धा से व्रत रखती हैं। श्रद्धालु कच्चे दूध, दही, घी, गुड़, शहद से शिवलिंग का अभिषेक कर, इत्र एवं दीपक अर्पित करते हैं।
शुभ मुहूर्त:
इस दिन साधक कभी भी पूजा कर सकते हैं, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त में की गई पूजा सर्वोत्तम मानी गई है।
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:21 से 5:03 बजे तक
प्रदोष काल: शाम 7:10 से 8:14 बजे तक
अमृत काल : तडक़े 1:47 से 3:32 बजे तक
दान-पुण्य से मिलेगा मान-सम्मान:
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा कमजोर है, तो वह इस दिन दूध, दही, चीनी, चावल, सफेद वस्त्र आदि का दान करें। विवाहित महिलाएं सुहाग सामग्री का दान करें, इससे दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि आती है और पति को दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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