भोपाल। मध्य प्रदेश की विभिन्न जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 111 कैदियों को आज गुरुवार को महात्मा गांधी की 156वीं जयंती के मौके पर रिहा किया जा रहा है, इनमें छह महिलाएं भी शामिल हैं। जेल विभाग की रिहाई नीति के तहत इन सजायाफ्ता कैदियों को विशेष माफी देकर रिहा किया जा रहा है। जेल महानिरीक्षक (सुधारात्मक सेवाएं) डॉ. वरुण कपूर ने बताया कि राज्य शासन द्वारा आजीवन कारावास से दंडित इन 111 कैदियों के अच्छे आचरण को देखते हुए रिहा करने का निर्णय लिया गया है। इनमें बलात्कार, पाक्सो आदि के प्रकरण से दंडित किसी भी बंदी को माफी नहीं दी गई है। रिहा किए जा रहे बंदियों को जेल में निरुद्ध रहते हुए टेलरिंग, कारपेंटरी, लौहारी, भवन मिस्त्री, भवन निर्माण सामग्री आदि का प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे रिहा होने के बाद वे जीविकोपार्जन के साधन अर्जित कर सकें।
उन्होंने बताया कि जिन कैदियों को रिहा किया जा रहा है, वे 14 अलग-अलग जेलों में बंद है। भोपाल और सागर में स्थित केंद्रीय जेल से 18-18 कैदियों को छोड़ा जाएगा। इसके अलावा रीवा केंद्रीय जेल से 12, इंदौर केंद्रीय जेल 11, नर्मदापुरम से 10, उज्जैन और ग्वालियर सेंट्रल जेल से 7-7, सतना और जबलपुर केंद्रीय जेल से 6-6, बड़वानी और नरसिंहपुर से 5-5, इंदौर जिला जेल से 3, आलीराजपुर जिला जेल से दो और टीकमगढ़ जिला जेल से एक कैदी को रिहा किया जाएगा। जेल महानिरीक्षक डॉ. कपूर ने रिहा होने वाले बंदियों से आह्वान किया है कि वह रिहाई के पश्चात अपराध से विरत रहकर अपने परिवार और समाज में पुनर्स्थापित होंगे तथा अपने परिवार, समाज एवं प्रदेश के निर्माण में सहभागी बनेंगे।
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