
पूर्णिया। प्रखंड मुख्यालय स्थित रेफरल अस्पताल में कार्यरत डाटा ऑपरेटर, बीसीएम और एकाउंटेंट की मनमानी से मरीजों और परिजनों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। सरकारी कार्यालय निर्धारित समय पर नहीं खुलता, जिससे ग्रामीणों को समय पर इलाज और दस्तावेजी कार्य नहीं मिल पा रहा है। शनिवार को दिन के 11 बजे तक भी कार्यालय नहीं खोला गया था, जिसके कारण इलाज कराने आए मरीजों और जच्चा-बच्चा सेवाओं के लिए पहुंची महिलाओं को घंटों इंतजार करना पड़ा। परिजनों और आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि यह स्थिति नियमित है और कर्मचारी मनमाने ढंग से कार्यालय खोलते हैं।
सबसे गंभीर स्थिति दंत चिकित्सक को लेकर है, जो अस्पताल में वर्षों से पदस्थापित हैं लेकिन आज तक क्लीनिक में नियमित नहीं बैठे हैं। लाखों रुपये की लागत से खरीदे गए दंत चिकित्सा उपकरण धूल फांक रहे हैं, जबकि मरीज दांत संबंधी इलाज के लिए भटकते रहते हैं। प्रखंड के 24 पंचायतों के मरीज इसी अस्पताल पर निर्भर हैं, जिससे यहां प्रतिदिन मरीजों की संख्या अधिक रहती है। इसके बावजूद कर्मचारियों की उदासीनता से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। इस संबंध में जब प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एहतामुल हक से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, "मैं क्या कर सकता हूं," और पल्ला झाड़ लिया। ग्रामीणों और मरीजों ने सिविल सर्जन से पूरे मामले की जांच कर सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि समय पर कार्यालय खुल सके और लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं में राहत मिल सके।
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